मंगलवार, 13 मई 2014

भरपाई कौन करे ?

भरपाई कौन करे ?


तामिलनाडू ने मुल्लापेरियार बाँध के जलस्तर को 136 फीट से 142 फीट तक बढ़ाने के संबंध में सर्वोच्च न्ययालय ने 27 फरवरी 2006 को फैसला सुना दिया. इसके बीच केरल विधान सभा ने एक विधेयक पास किया जिसके तहत तमिलनाडू बाँध का स्तर 136 फीट से 142 फीट तक नहीं बढ़ा सकता.

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 27 फरवरी 2006 के फैसले के बाद, केरल सरकार द्वारा, तमिलनाड़ू को इससे रोकने के लिए  2006 में ही बनाए गए एक कानून पर आपत्ति जताई है और दावा पेश किया. अब तमिलनाड़ू के आवेदन पर विचार कर सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया है उनकी 2006 वाला फैसला कायम रहेगा और यह कि केरल सरकार द्वारा पारित विधेयक कानूनन गलत है तथा तमिलनाड़ू बाँध में जलस्तर 136 फीट से 142 फीट कर सकता है. सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष तौर पर कहा है कि 2006 के फैसले के समय किए गए सभी जाँच परिणामों का पुनरावलोकन कर लिया गया है और सब ठीक है . इनमें से किसी भी रिपोर्ट के अनुसार बाँद को किसी  तरह का खतरा नहीं है.

इस कार्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने एक सलाहकार समिती भी बनाई है. इसमे तमिलनाड़ू, केरल व केंद्र के अधिकारी मनोनीत होंगे और यह समिति बाँध के जलस्तर बढाने के काम की सुपरवाईजरी रोल भी निभाएगी. तमिलनाड़ू सरकार ने अपना मनोनयन पेश कर केंद्र व केरल सरकार से त्वरित कार्रवाई करने हेतु अनुरोध भी किया है.

साथ ही तमिलनाड़ू सरकार ने प्राथमिक कार्यों की शुरुआत भी कर दी है ताकि बाँध का मुख्य काम त्वरित गति से चल सके.

एक सरकार ने प्रस्ताव दिया दूसरे ने आपत्ति जताई, न्यायालय ने फैसला दिया. फिर जिनकी बात न्यायालय से सहमति नहीं पा सकी उनने अगले को रोकने के लिए कानून पारित कर दिया, फिर बात न्यायालय में गई. फिर फैसला आया कि पहले का फैसला कायम रहेगा.

सब तो ठीक है किंतु 2006 में शुरु होने वाला काम 2014 मे – यानी 8 साल बाद शुरु होगा. निश्चित तौर पर खर्च बढेगा. सरकारी तिजोरी से ही खपत होगी. इसका जिम्मेदार कौन ?  

मेरी सर्वोच्च न्यायालय से अपील होगी कि ऐसे मामलों में जिम्मेदारी तय की जाए एवं बढ़े हुए खर्च का भुगतान उनके द्वारा कराई जाए। यह बात सच है कि पहला दे या दूसरा  - खर्च तो भारत सरकार का ही होगा लेकिन राज्य विशेष के खाते का पैसा खर्चेगा तो वहां के विधायक इस बात को समझेंगे व अपना पैसा औरों के लिए खर्च होते देख शायद कुछ सोच समझ कर निर्णय लेंगे.

लक्ष्मीरंगम.


मुल्लापेरियार बाँध, 27 फरवरी 2006

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